वीडियो: वनडे सीरीज जीतने के बाद गम में बदली भारतीय टीम की खुशियां, इस दिग्गज क्रिकेटर के निधन से दौड़ी शोक की लहर

सबसे उम्रदराज फर्स्ट क्लास क्रिकेटर रुस्तम सोराबजी कूपर (Rustom Sorabji Cooper), जिन्हें रुसी कूपर के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने 100 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है. रुस्तम सोराबजी कूपर ने पिछले साल 14 दिसंबर को अपना 100वां जन्मदिन मनाया था. वह दुनिया में सबसे लंबे समय तक रहने वाले प्रथम श्रेणी क्रिकेटर थे. मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने एक ट्वीट कर उनके निधन की पुष्टि की है.

क्रिकेट जगत में फैली गम की लहर

रुस्तम सोराबजी कूपर (Rustom Sorabji Cooper) ने पारसी (1941-42 से 1944-45), मुंबई (1943-44 से 1944-45) और मिडिलसेक्स (1949-1951) के लिए क्रिकेट खेला था. वह काउंटी क्रिकेट खेलने वाले पहले भारतीय थे. वह मिडिलसेक्स के सबसे बड़ी उम्र के जीवित फर्स्ट क्लास क्रिकेटर भी रहे और आखिरी सांस लेने से पहले अकेले ऐसे जीवित भारतीय थे जो देश की आजादी से पहले के टूर्नामेंट पेंटांगुलर्स में खेले थे.

1944-45 के रणजी ट्रॉफी फाइनल में मचाया था गदर

1944-45 का रणजी ट्रॉफी फाइनल होल्कर और बॉम्बे (जिसे आज मुंबई के नाम से जाना जाता है) के बीच खेला गया था. इस मैच में रुस्तम सोराबजी कूपर (Rustom Sorabji Cooper) ने शानदार प्रदर्शन किया था. इस मैच की पहली पारी में उन्होंने 52 रन और दूसरी पारी में 104 रन बनाए थे. इस शानदार प्रदर्शन के दम पर मुंबई ने ये फाइनल मैच 374 रनों से जीता था. रणजी ट्रॉफी के इस सीजन में उन्होंने 91.82 की औसत से 551 रन बनाए थे, जिसमें दो शतक और पांच अर्धशतक शामिल थे. बता दें ये उनका आखिरी रणजी सीजन भी था.

फर्स्ट क्लास में रुसी कूपर का रिकॉर्ड

रुस्तम सोराबजी कूपर (Rustom Sorabji Cooper) ने 22 फर्स्ट क्लास मैचों में 52.39 की औसत से 1205 रन बनाए थे. इस दौरान उनके बल्ले से 3 शतक निकले थे. रुस्तम सोराबजी कूपर, इंग्लैंड में हॉर्नसे क्लब के लिए भी खेले और तीन सीजन में तो 1000 से भी ज्यादा रन बनाए.