वीडियो: BCCI से नाराज चल रहे ये 3 खिलाड़ी जल्द किसी और देश से खेल सकते हैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट

क्रिकेट भारत में सबसे पसंदीदा खेल है। इसकी बड़ी वजह ये भी है इस खेल में हमारा देश पिछले कुछ समय से अव्वल दर्जे की क्रिकेट खेल रहा है। एक से बढ़कर एक टैलेंटेड बल्लेबाजी गेंदबाज टीम इंडिया में खेलने को बेताब हैं। टैलेंट इतना ज्यादा है कि कभी-कभी सिलेक्टर्स के लिए भी सर दर्द बन जाता है किसे चुने और किसे नहीं।

कुछ मौकों पर ऐसा भी देखा गया है जहाँ खिलाड़ी जमकर पसीना बहा रहा है। घरेलू क्रिकेट में खूब प्रदर्शन कर रहा है लेकिन बीसीसीआई और चयनकर्ताओं द्वारा उसे लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। आज हम ऐसे ही 3 खिलाड़ियों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं। जो BCCI के रवैये से नाराज़ चल रहे हैं।इसी के चलते किसी और देश जा सकते हैं क्रिकेट खेलने।

संजू सैमसन (Sanju Samson)

28 साल के संजू सैमसन को कौन नहीं जानता।भारत में और भारत के बाहर भी संजू के खूब फैंस हैं। जिनमें कई दिग्गज क्रिकेटर्स तक शामिल हैं। जब संजू सैमसन बल्लेबाजी करने आते हैं तो बल्लेबाजी बड़ी आसान लगती है। उनके टैलेंट को लेकर पूर्व दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर भी खूब तारीफ़ें कर चुके हैं। संजू सैमसन ने साल 2015 में भारत के लिए डेब्यू किया था लेकिन तबसे लेकर अबतक उन्होंने भारत के लिए सिर्फ 28 मुकाबले खेले हैं।

जिनमें 11 वनडे और 17 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले हैं। इससे साफ पता चलता है। BCCI की तरफ से उन्हें पर्याप्त मौके नहीं दिए जा रहे हैं। संजू सैमसन का वनडे में औसत 66 का है। बावजूद इसके उनकी जगह उनसे कम टैलेंटेड और कम औसत वाले खिलाड़ी को टीम में तवज्जो दी जाती है।

पिछले साल श्रीलंका के खिलद टी20 सीरीज में संजू आखिरी बार भारतीय जर्सी में नजर आए थे। फील्डिंग करते वक़्त उन्हें चोट लग गई थी। उन्हें इसलिए सीरीज से बाहर होना पड़ा था। तबसे उनकी वापसी नहीं हुई है। अगर संजू सैमसन के प्रति BCCI का ये ही रवैया रहा तो वो जल्द भारत को अलविदा कह कहीं और जा सकते हैं।

सरफराज खान (Sarfaraz Khan)

मुंबई के ब्रैडमैन कहे जाने वाले सरफ़राज खान को टीम इंडिया में खेलने के लिए इतना लंबा इंतजार करना पड़ेगा ये किसी ने नहीं सोचा था। 25 साल के सरफ़राज खान घरेलू क्रिकेट में जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्होंने साल 2014 में ही डेब्यू कर लिया था यानी सिर्फ 16 साल के थे।

इतने सालों में सरफ़राज को टीम से अंदर बाहर होते रहे हैं। उन्होंने अबतक कुल 37 फर्स्ट क्लास मुक़ाबले खेले हैं। जिनमें 79.65 की औसत से बल्लेबाजी करते हुए उनके बल्ले से 3505 रन निकले हैं। जिनमें 13 शतक और 9 अर्धशतक शामिल हैं। गौर करने वाली बात है की उन्होंने इस दरमियान 70 की स्ट्राइक रेट से रन बनाये।

भारतीय टेस्ट टीम में जिसे सबसे पहले जगह मिलनी चाहिए है वो हैं सरफ़राज खान। लेकिन बावजूद इसके टीम में उन्हें अबतक शामिल नहीं किया गया है। जबकि सूर्यकुमार यादव और ईशान को मौके मिल चुके हैं। BCCI के इस भेदभाव के चलते सरफ़राज खान उन्मुक्त चंद की राह पर चल कर अन्य देशों में भी मौके तलाश सकते हैं।

पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw)

साल 2016 में पृथ्वी शॉ ने बतौर कप्तान भारत को अंडर 19 वर्ल्ड को का खिताब दिलाया था। क्रिकेट के सभी दिग्गजों ने पृथ्वी शॉ को आने वाला वीरेंद्र सहवाग बताया था। अंडर 19 वर्ल्ड कप जिताने के अगले साल ही पृथ्वी शॉ को फर्स्ट क्लास में मुंबई की ओर से डेब्यू करने का मौका मिला। घरेलू क्रिकेट में उन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। जिसके चलते उन्हें एक साल के अंदर ही टीम इंडिया में डेब्यू करने का मौका मिला। इस मौके को भी उन्होंने दोनों हाथों से थामा और डेब्यू मैच में ही शतक ठोक दिया।

लेकिन इसके बाद से उनके लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की राह आसान नहीं रही 2018 में डेब्यू करने वले पृथ्वी शॉ आने वाले 5 सालों में सिर्फ 5 टेस्ट मैच ही खेल सके। साल 2020 में पृथ्वी शॉ को भारत के लिए वनडे में डेब्यू करने का मौका मिला।वहीं साल 2021 में उन्हें टी20 में भी डेब्यू करने का मौका मिला लेकिन वो इस मुकाबले में शून्य पर आउट हो गए।

इसके बाद उन्हें भारतीय टीम में मौके मिलने बंद हो गए। पृथ्वी शॉ ने घरेलू क्रिकेट में काफी मेहनत की काफी रन बनाए। लेकिन बावजूद इसके BCCI ने उनके प्रदर्शन को तवज्जो नहीं दी। कई बार सीरीज के लिए टीम चुने जाने से पहले पृथ्वी शॉ का नाम कई बार सामने आया लेकिन उन्हें नहीं चुना गया। इसकी निराशा उन्होंने कई बार अपने सोशल मीडिया के जरिए जाहिर भी की। अब अगर उन्हें मौके नहीं मिलते तो फिर पृथ्वी शॉ किसी अन्य मुल्क से क्रिकेट खेलते हुए बहु नजर आ सकते हैं।