वीडियो: पुजारा से लेकर लक्ष्मण तक… 4 दिग्गज क्रिकेटर जिन्हें वर्ल्ड कप में नहीं मिला कभी मौका, एक के नाम 10 हजार से ज्यादा रन

एलिस्टर कुक इंग्लैंड के महान क्रिकेटर्स में एक रहे जो तीनों फॉर्मेट में खेलने के बावजूद कभी वर्ल्ड कप में नहीं खेल सके. बाएं हाथ के पूर्व बल्लेबाज कुक ने अपना इंटरनेशनल करियर साल 2006 में शुरू किया था. उन्होंने 2006 से 2018 तक इंग्लैंड की ओर से 161 टेस्ट, 92 वनडे और 4 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले. कुक ने 33 सेंचुरी और 57 हाफ सेंचुरी की मदद से टेस्ट में 12472 रन बनाए हैं.

एलिस्टर कुक ने वनडे क्रिकेट में 3204 रन बनाए. हालांकि वह टेस्ट वाला प्रदर्शन लिमिटेड ओवर की क्रिकेट में दोहराने में असफल रहे. उन्होंने अपना आखिरी वनडे 2014 में खेला था लेकिन 2011 और 2007 वर्ल्ड कप स्क्वॉड में उन्हें जगह नहीं मिली. वह किसी टी20 वर्ल्ड कप का भी हिस्सा नहीं रहे.

वेरी वेरी स्पेशनल यानी वीवीएस लक्ष्मण भारत के बेहतरीन बैटर्स में से एक थे. दाएं हाथ के इस कलाई के जादूगर ने भारत की ओर से 1996 से 2012 तक 134 टेस्ट और 86 वनडे खेले. लेकिन वह कभी भी वर्ल्ड कप स्क्वॉड का हिस्सा नहीं रहे. वह साल 2003 में वर्ल्ड कप स्क्वॉड में शामिल होने के बेहद करीब थे लेकिन आखिरी समय में दिनेश मोंगिया ने शानदार प्रदर्शन कर लक्ष्मण को वर्ल्ड कप की रेस में पीछे छोड़ दिया. लक्ष्मण की उस पारी को भला कैसे भुलाया जा सकता है जो उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता टेस्ट में 281 रन बनाए थे. फैंस के दिलों में लक्ष्मण की अलग जगह है.

वीवीएस लक्ष्मण ने टेस्ट मैचों में 46 की औसत से कुल 8781 रन बनाए हैं जिनमें 17 सेंचुरी और 56 हाफ सेंचुरी शामिल है. लक्ष्मण का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रन बनाना अच्छा लगता था. उन्होंने वनडे में 2338 रन बनाए हैं. इस दौरान उनका औसत 30 से ज्यादा का रहा. फैब फोर में शामिल होने के बावजूद वह 50 ओवर के क्रिकेट में चयनकर्ताओं का विश्वास नहीं जीत सके.

साल 2010 में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू के बाद से चेतेश्वर पुजारा भारतीय टेस्ट टीम का लगातार हिस्सा रहे हैं. 103 टेस्ट और 5 वनडे इंटरनेशनल मैच खेलने वाले पुजारा टीम इंडिया की दीवार रहे हैं. टेस्ट क्रिकेट में किस तरह गेंदबाजों को थकाया जाता है कोई इनसे सीखे. वह क्रीज पर धैर्य के साथ बैटिंग करते हुए खराब गेंद का इंतजार करते रहते हैं. मॉडर्न क्रिकेट में पुजारा की धैर्य का उदाहरण दिया जाता है. वह टेस्ट में नंबर पर 3 पर बैटिंग के लिए उतरते हैं.

पुजारा ने अपने इंटरनेशल करियर में कई उतार चढ़ाव देखे हैं. उन्हें खराब फॉर्म की वजह से टेस्ट टीम से बाहर किया जा चुका है. उन्होंने पिछले साल लंबे समय बाद टेस्ट में सेंचुरी जड़ी थी. 35 साल के पुजारा के नाम टेस्ट क्रिकेट में 7195 रन दर्ज है. इस दौरान उन्होंने 19 शतक और 35 अर्धशतक जड़े हैं. सौराष्ट्र की ओर से घरेलू क्रिकेट खेलने वाले पुजारा का हाईएस्ट स्कोर नाबाद 206 रन है. गोल्डन समय में भी चेतेश्वर पुजारा को लिमिटेड ओवर की क्रिकेट में कभी तवज्जों नहीं दी गई. उन्हें 5 वनडे मैच खेलने का मौका मिला जिसमें उन्होंने 51 रन बनाए. वह कभी भी वर्ल्ड कप का हिस्सा नहीं रहे.

मैथ्यू होगार्ड इंग्लैंड 2000 से 2008 तक इंग्लैंड के अंडररेटेड खिलाड़ियों में से एक थे. दाएं हाथ का यह तेज गेंदबाज आउट स्विंग और रिवर्स स्विंग कराने की कला में निपुण था. होगार्ड ने इंग्लैंड के लिए 67 टेस्ट और 26 वनडे इंटरनेशनल मैच खेले. उनके नाम 200 इंटरनेशनल विकेट हैं. साल 2013 तक होगार्ड का फर्स्ट क्लास क्रिकेट शानदार रहा. वह टेस्ट में इंग्लैंड के ओवरऑल टॉप 10 में शामिल रहे. टेस्ट करियर में उनका बेस्ट प्रदर्शन 51 रन देकर 7 विकेट है. बेहतरीन पेसर होने के बावजूद होगार्ड को कभी वर्ल्ड कप खेलने का मौका नहीं मिला. हालांकि व 2003 वर्ल्ड कप स्क्वॉड में शामिल थे लेकिन वह किसी भी मैच में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं बन सके.