वीडियो: दूसरे टेस्ट के साथ ही अपने करियर का अंतिम मैच खेलेगा यह भारतीय खिलाड़ी, खत्म होगा करियर

भारतीय टीम इन दिनों अपने वेस्टइंडीज दौरे पर है। वेस्टइंडीज दौरे में भारतीय टीम को 2 टेस्ट, 3 वनडे और 5 टी 20 मैच खेलने है। वेस्टइंडीज के विरुद्ध टेस्ट शृंखला का आगाज हो चुका है जिसमें भारतीय टीम ने 1-0 की अजेय बढ़त अपने नाम कर ली है।

वेस्टइंडीज के विरुद्ध खेले गए पहले टेस्ट मे जहां एक ओर रोहित शर्मा, यशस्वी जायसवाल, रविचन्द्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा जैसे दिग्गज खिलाड़ी टीम के जीत के नायक के तौर पर उभरे तो वहीं दूसरी ओर एक ऐसा भी खिलाड़ी था जिसका खेलना और न खेलना दोनों ही एक समान साबित हुआ।

इस खिलाड़ी का महत्व टीम के अंदर ठीक उतना ही है जितना एक एक्स्ट्रा प्लेयर का होता है। यह खिलाड़ी और कोई नहीं बल्कि टीम इंडिया के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट हैं। अगर दूसरे मैच में जयदेव उनादकट अपनी टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करने में सफल नहीं होते हैं तो इन्हे टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।

दूसरा टेस्ट साबित हो सकता है करियर का आखिरी टेस्ट

जयदेव उनादकट ने जब से टीम में वापसी की है उन्होंने किसी भी मैच में अपने स्थान के साथ न्याय नहीं किया है । उनका खराब प्रदर्शन शुरू से ही मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज जैसे प्रतिभवान गेंदबाजों के आगे ओझल हो जाता था । वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट में जब मोहम्मद शमी को आराम दिया गया तो उनके स्थान पर जयदेव उनादकट को टीम में शामिल किया गया था।

जयदेव उनादकट ने इस मैच में अपने प्रदर्शन से टीम की लुटिया डुबोने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी थी। वो तो भला हो आश्विन और जडेजा कि जोड़ी का जिन्होंने कैरिबियाई खिलाड़ियों को घुटने टेकने पर अकेले ही मजबूर कर दिया। अगर इस मैच में भी गेंदबाजी की पूरी जिम्मेदारी उनादकट के कंधों में रहती तो हमारी हार लगभग तय थी। अगर उनादकट अब दूसरे टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं तो उनका क्रिकेटिंग करियर समाप्त हो सकता है ।

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कुछ ऐसा रहा है उनादकट का प्रदर्शन

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मे जयदेव उनादकट का क्रिकेटिंग करियर औसत दर्जे से भी नीचे का रहा है। जयदेव उनादकट ने अपने अभी तक के अंतर्राष्ट्रीय करियर में खेले गए 20 मैचों में महज 25 ही विकेट अपने नाम किये हैं । इस दौरान उनका सर्वोच्च प्रदर्शन 41 रन देकर 4 विकेट रहा है।